विशेष सुझाव सुख समृद्धि सफलता देने वाले
1.धन सम्बन्धी समस्त कार्यों के लिए सोमवार, बुधवार अथवा शुक्रवार चुनें, मंगल, रविवार व मंगल के नक्षत्रों में कर्ज लें तो वापिस करने में परेशानी।2. घर के बनने वाले खाने में पहली रोटी गाय के नाम की, थोडा सा अंश कौओं को तथा बचे खाने का कुछ भाग कुत्ते के नाम का निकाला करें।
3. गुरूवार को घर के बच्चों, कन्याओं तथा चिडि़यों को पीले चावल खिलाया करें।
4. शनिवार को खाने में किसी भी रूप में काल चना अवश्य लिया करें। रात में रसोई को साफ करके ही सोएं।
5. संध्या होने से पूर्व घर का कोई भी सदस्य प्रफुल्ल मन से देवताओं को धूप दीप व श्यामा तुलसी पर घी का दीपक जलाए।
6. हीजड़ों की शुभ कामनाऐं लिया करें हीजड़ों को दिए पैसे में से एक सिक्का ले कर अपने गल्ले में रख लिया करें।
अफिस, दुकान व फैक्ट्री में विधिपूर्वक स्थापित करने से धन समृ(ि होती है।
दिव्य वृक्ष जड़ें -सहदेई, शंख पुष्पी, बहेडा, नर्गुुण्डी़ दिव्य पौधे - सफेद आक निर्गुुण्डी
दिव्य पत्ते - निर्गुुण्डी, पीपल, बड, बेल दिव्य औषधियां - अष्टगंध , काली हल्दी,केसर, कस्तूरी कण गोरोचन, नागकेसर, पीली सरसों, नागकेसर,, काले तिल,, सांप की केचुल,
श्रीफल, बेल का फल, एकाक्षी नारियल, दक्षिणवर्ती शंख, एकमुखी रुद्राक्ष, बीसा व श्री यंत्र
सामग्री - स्वयं के नाम से अश्टगंध से निर्मित सि( बीसायन्त्र यन्त्र, 3-3 गोमती चक्र, लघु नारियल, सुपारी, सवा किलो चावल पीेले, किशमिश ,इलायची, लौंग, कपूर, केसर, मौली, कुमकुम, कमल गट्टे की माला, कमल या गुलाब पुष-9, 108 कमल गट्टेलाल रेशमी वस्त्र, चाॅदी की थाली, कुश या ऊनी आसन।
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